当前位置:首页 > बृज भूषण शरण सिंह

चेली की चूत खोली

मेरा नाम रवि है मेरी आयु 26 वर्ष है मेरा कद 5.10 है। मैं एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता हूँ। मेरे लण्ड का आकार 6 इँच ही है,चेलीकीचूतखोली पर जो लड़की मेरे से एक बार चुदवा ले, वो बार-बार मुझसे चुदवाना चाहती है।यह कहानी मेरी और अनु की है जो मेरे पड़ोस में ही रहती है।हम जींद हरियाणा में रहते हैं, उसकी आयु 19 वर्ष है। उसके बदन का आकार 34-24-36 है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वो कितनी सुन्दर होगी।बात दो साल पहले की है जब वो मेरे पास ट्यूशन पढ़ने आती थी।वो हमेशा मेरे पास लोअर व टी-शर्ट पहन कर ही आती थी। उसको देखकर मेरे मन में यही आता था कि एक बार इसको चोद लूँ तो मजा आ जाए।वो हमेशा शाम को ही आती थी, लेकिन छुटटी के दिन वो 11 बजे आ जाती थी।एक दिन मेरे घर वाले सभी शादी में चले गए, उस दिन मैं घर पर अकेला बोर हो रहा था। मैंने सोचा अनु तो 11 बजे आएगी तब तक कोई सैक्सी मूवी देख लूँ।मैंने एक ब्लू-फिल्म लगा ली और उसको देखते-देखते अनु की याद आने लगी थी।अचानक बिजली चली गई, तो मैं नहाने चला गया।उस समय 10 बजे थे तो अनु आ गई, वो सीधे ही मेरे बेडरुम में चली गई।मैंने सोचा आज मौका है उसे चोदने का, तभी अचानक लाईट आ गई, मुझे याद आया कि मैं डीवीडी बंद करना भूल गया हूँ।मैं जल्दी से नहा कर 10 मिनट में बाहर निकला तो दोबारा से लाईट चली गई।मैं अन्दर आया, तो वो मुझे देखकर चौँक गई। तो मुझे लगा कि यह मूवी देखकर गर्म हो गई है, मैंने सोचा कि आज जरूर मैं इसे चोदूँगा।शायद उसके प्रारब्ध को भी यही मंजूर था।मैंने उससे पूछा- आज जल्दी कैसे आई?तो वो बोली- सर, आज मेरे घर पर कोई नहीं है, सभी बाहर गए हुए हैं और मैं अकेली बोर हो रही थी।मैंने कहा- आज क्या करना है?वो बोली- सर कुछ ECO के सवाल समझा दो।मैंने कहा- ठीक है।और हम बैठ गए टीवी की तरफ मेरी पीठ थी और उसका मुँह था। मैं उसको समझा रहा था, लेकिन वो बार बार टीवी की तरफ देख रही थी, तो लाईट आ गई।उसे देखकर अब मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया था। अब मैं एकदम से उठा और अनु को ‘सॉरी’ बोल कर टीवी को बंद कर दिया।अनु अब पूरी गरम हो चुकी थी, वो बार-बार मेरे लण्ड को देख रही थी।मैं उसके पास आकर बैठ गया और मैंने उसको चुम्बन करना शुरू कर दिया, वो भी मेरा साथ देने लगी।चुम्बन करते-करते मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए। अब वो मेरे लण्ड को सहला रही थी। मैं भी उसके होंठों को छोड़कर उसकी चूची चूस रहा था।उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थीं और वो मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबा रही थी।अब मैं उसकी चूत को सहला रहा था। उसके मुँह से “आ..आ..श..श..ई” जैसी आवाजें निकल रही थीं।अब हम बैड पर 69 में होकर चुम्बन कर रहे थे।अनु ने कहा- सर कुछ करो… मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है….!मैं उठा और उसकी चूत पर अपना लण्ड रखा और मैंने धक्का मारा, जरा सा लण्ड अन्दर सरका तो उसके मुँह से चीख निकल गई।तभी मैंने उसके होंठों को अपने मुँह में ले लिया और मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा, साथ में उसकी चूची मसल रहा था।लण्ड की रगड़ से अब उसको भी मजा आने लगा था। मैंने देर न लगाते हुए जोर से धक्का मारा, मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका था।उसकी सील टूट चुकी थी, उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे लेकिन थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा था, वो भी अब अपनी पिछाड़ी हिला रही थी।मैंने उसके होंठों को आजाद कर दिया था।वो बोल रही थी- सर फाड़ डालो… मजा आ रहा है…!उसके मुँह से आ..ह व लंबी-लंबी सिसकारियाँ निकल रही थीं।अचानक वो एकदम से चीखी और वो मुझसे जोर से लिपट गई, शायद वो झड़ गई थी।थोड़ी देर  बाद हमने दोबारा से चुदाई की, लेकिन दरवाजा खुला होने के कारण एक पड़ोस की भाभी अन्दर आ गईं और उसने हमें देख लिया और फिर वो वहाँ से चली गईं।अनु बहुत खुश थी।अब अनु की शादी हो चुकी है, लेकिन जब वो घर आती है, तो हम खूब चुदाई करते हैं, वो मुझसे बहुत खुश है।बाद में मैंने पड़ोस वाली उन भाभी को भी चोदा, वो कैसे चोदा मैं आपको फिर कभी बताऊँगा। ये मेरी पहली गलती के लिए माफ करना। आपको कैसी लगी जवाब देना।[email protected]

分享到: